(Manaskhand Corridor “Mandir Mala Mission”) मानसखंड कॉरिडोर उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य कुमाऊं के प्रमुख धार्मिक स्थलों को एक कॉरिडोर के रूप में विकसित करना है।

Manaskhand Corridor “Mandir Mala Mission” मानसखंड कॉरिडोर के प्रमुख धार्मिक स्थल:
इस परियोजना को “मंदिर माला मिशन” भी कहा जाता है। इसके तहत कुमाऊँ मंडल के 16 पौराणिक मंदिरो को विकासित किया जाएगा, जिससे इन मंदिरों में आने वाले शृद्धालुओ को बेहतर दर्शन और आवागमन की सुविधा मिलेगी।
मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना के तहत कुमाऊं के छह जिलों से मंदिरों की सूची बनाई गई है। कुमाऊं क्षेत्र के 29 मंदिरों का चयन किया गया है।
अल्मोड़ा जिले में पर्यटन विभाग ने ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व के 15 मंदिरों की सूची बनाई थी। लेकिन अभी 6 मंदिरों का ही चयन कर योजना में शामिल किया गया है। पैसा मिलते ही इन मंदिरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर से तैयारी चल रही है।
मानसखंड कॉरिडोर के तहत कुमाऊं के कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया है, जिनमें शामिल हैं:
अल्मोड़ा में: जागेश्वर महादेव मंदिर, चितई गोलू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर कटारमल, कसार देवी मंदिर, नंदा देवी मंदिर
पिथौरागढ़ में: पाताल भुवनेश्वर मंदिर, हाट कालिका मंदिर,
बागेश्वर में: बागनाथ मंदिर, बैजनाथ मंदिर,
चंपावत में : पाताल रुद्रेश्वर, मां पूर्णागिरी मंदिर, मां बाराही देवी मंदिर, बालेश्वर मंदिर,
नैनीताल में: नैना देवी मंदिर, कैंचीधाम मंदिर व
ऊधमसिंह नगर में: चैतीधाम मंदिर।

मानसखंड कॉरिडोर परियोजना के लाभ :
इस परियोजना के तहत इन मंदिरों तक जाने वाली सड़कों को चौड़ा और सुगम बनाया जाएगा। इसके अलावा, इन मंदिरों में सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा, जैसे कि आवास, भोजन, और पर्यटन सुविधाएं।
मानसखंड कॉरिडोर के कई लाभ हैं। सबसे पहले, यह कुमाऊं के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद, कुमाऊं के मंदिरों को आसानी से और सुविधाजनक तरीके से पहुंचा जा सकेगा। इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
दूसरा, मानसखंड कॉरिडोर कुमाऊं के विकास को भी बढ़ावा देगा। इस परियोजना के तहत सड़कों का निर्माण और सुविधाओं का विकास होगा, जिससे कुमाऊं के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मानसखंड कॉरिडोर कुमाऊं की एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसका उद्देश्य कुमाऊं के विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह परियोजना कुमाऊं की तकदीर बदलने की क्षमता रखती है।
यहां मानसखंड कॉरिडोर के कुछ विशेष लाभ दिए गए हैं:
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा: इस परियोजना के पूरा होने के बाद, कुमाऊं के मंदिरों को आसानी से और सुविधाजनक तरीके से पहुंचा जा सकेगा। इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा: इस परियोजना के तहत सड़कों का निर्माण और सुविधाओं का विकास होगा, जिससे कुमाऊं के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा: इस परियोजना से कुमाऊं की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिलेगा।
मानसखंड कॉरिडोर कुमाऊं के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है, जो क्षेत्र को एक नई पहचान देगा। इस परियोजना के पूरा होने से कुमाऊं उत्तराखंड के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक बन जाएगा।